कम्प्यूटर का इतिहास तकनीकी क्रांति की गाथा है। इसके विकास की कहानी को पाँच प्रमुख पीढ़ियों में बाँटा गया है। प्रत्येक पीढ़ी ने कम्प्यूटर को अधिक शक्तिशाली, तेज़ और उपयोगी बनाया। आइए, इस सफर को समझते हैं।
पहली पीढ़ी (1940-1956): वैक्यूम ट्यूब्स का युग
पहली पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया। ये मशीनें बड़ी, भारी और ऊर्जा खपत में महंगी थीं।
- उदाहरण: ENIAC, UNIVAC
- विशेषताएँ:
- आकार में विशाल, धीमी गति, और गर्मी उत्पन्न करने में कुख्यात।
- मशीन लैंग्वेज (0s और 1s) पर आधारित।
दूसरी पीढ़ी (1956-1963): ट्रांजिस्टर का उदय
वैक्यूम ट्यूब्स की जगह ट्रांजिस्टर ने ले ली। कम्प्यूटर अब छोटे और तेज़ हो गए।
- उदाहरण: IBM 7090, UNIVAC II
- विशेषताएँ:
- अधिक विश्वसनीय और सस्ता।
- उच्चस्तरीय भाषाओं (COBOL, FORTRAN) का विकास।
तीसरी पीढ़ी (1964-1971): इंटीग्रेटेड सर्किट्स (ICs) का आगमन
IC तकनीक ने कम्प्यूटर के आकार को छोटा और क्षमता को बड़ा कर दिया।
- उदाहरण: IBM 360, PDP-8
- विशेषताएँ:
- मल्टीप्रोग्रामिंग और ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास।
- कम्प्यूटर आम आदमी की पहुंच में आने लगा।
चौथी पीढ़ी (1971-1989): माइक्रोप्रोसेसर क्रांति
माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार ने कम्प्यूटर को व्यक्तिगत उपकरण बना दिया।
- उदाहरण: Apple I, IBM PC
- विशेषताएँ:
- ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) और वर्ड प्रोसेसिंग।
- कम्प्यूटर घर और ऑफिस का हिस्सा बन गया।
पाँचवीं पीढ़ी (1990-वर्तमान): आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग
पाँचवीं पीढ़ी में AI और मशीन लर्निंग कम्प्यूटर का आधार बने।
- उदाहरण: सुपर कम्प्यूटर, क्वांटम कम्प्यूटर
- विशेषताएँ:
- इंसानों जैसी सोच और निर्णय लेने की क्षमता।
- इंटरनेट, IoT, और क्लाउड कंप्यूटिंग का समावेश।
निष्कर्ष
कम्प्यूटर की हर पीढ़ी ने हमारे जीवन को एक नई दिशा दी। वैक्यूम ट्यूब्स से शुरू होकर आज AI तक की यात्रा, न केवल तकनीकी विकास बल्कि मानव सभ्यता की बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में, कम्प्यूटर की छठी पीढ़ी कौन सी होगी? यह देखना दिलचस्प होगा!
“तकनीक के इस कारवां का हिस्सा बनें और इसकी विकास यात्रा को समझें।”